यात्रा का अपना एक सुखद अनुभव होता है। हर यात्रा अपने में कई यादें समेटे होती है पर कुछ बहोत यादगार होती हैं । गर्मी की छुट्टियों में अधिकतर लोग घूमने जाते हैं और इस मौसम में पर्वतों की यात्रा अत्यधिक सुखद होती है। हमारी पहली पर्वतीय यात्रा पिछले वर्ष गर्मी की छुट्टियों में हुई जब पिताजी के पुराने मित्र ने नैनीताल में अपने आवास पे एक समारोह रखा और पिताजी को आमंत्रित करने के साथ साथ ज़रूर आने का आग्रह भी किया। पिताजी ने इस आग्रह का सम्मान करते हुए समारोह में जाने के लिए और साथ साथ नैनीताल घूमने के लिए पांच दिन की योजना बनायी। हमने 20 मई को नैनीताल के लिए रेल पकड़ी और अगले दिन सुबह 10 बजे वहां पहुँच गए। स्टेशन पे पिताजी के मित्र हमें लेने आये हुए थे। हम उनके साथ उनके घर गए। उन्होंने पिताजी की योजना की सराहना करते हुए उन्हें आने के लिए धन्यवाद कहा और हमें नैनीताल घुमाने की जिम्मेदारी अपने ड्राइवर को सौंप दी। क्योंकि समारोह तीन दिन बाद था तो हम नैनीताल घूमने निकल गए। नैनीताल के रास्ते बहुत टेड़े मेढ़े थे और रास्ते के दोनों ओर घाटियों का मनमोहक दृश्य था। कहीं ये घाटियां अत्यंत सु
please add for more chapters
ReplyDeleteOK I will do. But I think I have uploaded maximum chapters. You can name the chapter.
Deletethe too many professors
Deletepacking and,
a legend of the northland
please???
You are requested to send me the scan copy of the chapter at [email protected] .
Deletethank u
ReplyDeletethe answers are so good
Thanks for your good comments. We are trying to upload maximum subject for school students.
DeleteCan you send the summary and question answers of the tree in season by robert fisher
ReplyDelete